दधिचि देहदान समिति हरिद्वार द्वारा जिला कारागार में कार्यशाला संपन्न

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रिपोर्ट – अमित सैनी/रायवाला

हरिद्वार परिपाटी न्यूज। जिला कारागार में चल रही शिव महापुराण कथा के अवसर पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य महिला एवं पुरुष बंदियों को नेत्रदान, अंगदान और देहदान के महत्व को समझाना और इस सामाजिक कार्य की व्यापकता को प्रोत्साहित करना था। यह कार्यशाला मनोज कुमार आर्य, वरिष्ठ अधीक्षक जिला कारागार हरिद्वार और प्यारे लाल, जेलर जिला कारागार हरिद्वार के आग्रह पर आयोजित की गई थी। समिति के

मार्गदर्शक रोहिताश ने इस सेवा कार्य की व्यापकता और “नर सेवा नारायण सेवा” के मंत्र के साथ सेवा कार्य में जुटने का आह्वान किया। समिति के अध्यक्ष सुभाष चंद्र चांदना ने समिति की कार्यप्रणाली और हरिद्वार के संकल्प को पूरा करने वाले नेत्रदान और अंगदान करने वाले दानदाताओं की जानकारी बंदियों के समक्ष प्रस्तुत की। वरिष्ठ समाज सेविका व् दधीचि सेवा समिति की सदस्य कुमारी मंजू बालियान ने बंदियों के समक्ष अनुशासित जीवन और सेवा कार्य के महत्व पर विशेष जोर देकर उन्हें जागरूक किया। समिति के सचिव भावेश पटेल , सदस्य नरेंद्र, और अखिल अपनी पत्नी के साथ कार्यक्रम में पूर्ण समय तक उपस्थित रहे। तत्पश्चात, पंडित अधीर कौशिक (अध्यक्ष अखंड परशुराम अखाड़ा) ने दधिचि देहदान समिति के सदस्यों के निस्वार्थ भाव से किए जा रहे कार्यों की विशेष

सराहना की। कार्यक्रम के दौरान पंडित अधीर कौशिक के निमंत्रण पर गोधरा कांड पर बनी फिल्म के लेखिका एवं निर्देशक का भी मंच पर आगमन हुआ। पंडित अधीर कौशिक ने गोधरा ट्रेन कांड में बलिदान हुए हुतात्माओं को याद किया और राम मंदिर के निर्माण के पीछे उनके बलिदान का महत्व बताया। कार्यशाला के समापन के बाद, कथा व्यास पीठ से कथावाचक सूर्यकांत बलूनी जी ने दधिचि देहदान समिति के कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की और महर्षि दधीचि के अस्थि पंजर से बने वज्र के महादान पर विशेष प्रकाश डाला। कार्यक्रम में उपस्थित सभी बंदियों और आगंतुकों ने इस प्रेरणादायक कार्यशाला की सराहना की।