परिपाटी न्यूज़

Home व्यंग्य इन्सान की जिन्दगी

इन्सान की जिन्दगी

0
इन्सान की जिन्दगी
Spread the love

लेखक- मुनेश चंद शर्मा


इन्सान की ज़िन्दगी एक ईश्वर शक्ति विद्यमान पुतला है।जो इन्सान के रूप में देखा जा सकता है। यही वह ईश्वरीय शक्ति विद्यमान है।जो कुछ भी कर सकने में निपुण गुणवत्ता वाली देह है। अपने सद गुणों के व्यवहार से इस सारी श्रृष्टि को प्रेम पूर्वक अपना हाथ और अपना साथ बनाने में सफल हो सकता है। क्योंकि बताया गया है कि भगवान भगत के बस में होते आए।

जब-जब भीर परी भक्तों पर तब तब होत सहाय भगवान भगत के बस में होते आए।

और लिखा भी गया है।

सकल पदारथ है जग माही कर्म हीन नर पावत नाही, रामपुरुषोत्तम राम कहलाते स्वच्छ सन्देश स्वच्छ कर्म सच्ची वाणी

इन्सान को संबोधित करते रहते हैं। कर्म किए जा फल की इच्छा मत कर अ इन्सान जैसा कर्म करेगा वैसा फल देगा भगवान् ,यह प्रेरणादायक शब्द गीता जी में अंकित है।

इसलिए हर कदम एक नई दुनिया और हर पग एक नया जीवन मनुष्य को दिखाई देने लगता है।इसको जीवन का एक स्वपन कहा गया है। सब कुछ सही लिखा है।

होगा वही जो राम रची राखा, करहु सु तर्क बढावहि शाखा

ईश्वरीय शक्ति विद्यमान व्यक्ति पर कभी तर्क वितर्क नहीं करना चाहिए, क्योंकि तर्क वितर्क करने वाले व्यक्तियों से मूल छूट जाता है ।और वह सिर्फ शाखाओं पर ही घूम कर रह जाता है। फिर वह संसार में उस हिरण कि तरह भटकता है जिसकी नाभि में कस्तूरी होती है। उस कस्तूरी की खुशबू पाने के लिए वह बन में अर्थात् जंगलों में भटकता फिरता है। लेकिन उसके हाथ वह खुशबू नहीं लग पाती।

एशाम विद्या न तपो न दामन न ज्ञान शीलम गुणों न धर्मम ते मृत्यु लोके भूविभार भूता मनुष्य रूपेण मृगाष चरन्ति।

ये ही है इस महान मनुष्य का संसारिक जीवन।

(मुनेश चन्द शर्मा)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here