रिपोर्ट-एस.पी.तंवर
बिजनौर पीपीएन। चांदपुर तहसील के ब्लॉक जलीलपुर अंतर्गत ग्राम नारनोर में महामना मदन मोहन मालवीय जी की जयंती के शुभ अवसर पर ब्राह्मण सम्मेलन व एसआरके शिक्षा संस्थान के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि आईपीएस अधिकारी स्वनामधन्य विप्र शिरोमणि पं जुगल किशोर तिवारी जी ने कहा कि वयक्ति ब्राह्मण चरण नही अपितु विप्र चरण को छूता है। और वह है व्रतवबंध (यज्ञोपवीत )शिखा एवं तिलक ।इसी को अपना धर्म मान कर पंडित मालवीय जी ने अंग्रेज जज के सर शब्द को अस्वीकार करते हुए पंडित शब्द के उदबोधन पर गर्व किया। मालवीय जी की महानता का वर्णन करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि अपनी बुद्धि एवं चातुर्यता से अपार धन राशि प्राप्त की। इतना ही नहीं मालवीय जी से प्रभावित होकर बिरला जी ने ब्लैंक चेक उनको दे दिया । जिसे मालवीय जी ने विश्वविद्यालय स्थापना के पश्चात ससम्मान वापस कर दिया ।यहां पर यह दर्शाता है कि ब्राह्मण त्यागी एवं निर्लोंभी होता है ।धर्म को ही अपना कर्तव्य मानते हुए ब्राह्मण को बिना ऊंच-नीच के भेद किए कार्य करना चाहिए ।जैसा कि परशुराम जी ने भगवान आशुतोष को फरसे से प्रहार करके प्रसन्न किया एवं वरदान स्वरुप परशुराम के नाम से विश्व विख्यात हुए। वैशाख शुक्ल तृतीया के दिन जन्म होने से उस तिथि को अक्षय तृतीया के नाम से जाना गया है इस दिन बिना मुहूर्त के सभी शुभ कार्य करना मंगलकारी होते हैं। उन्होंने कहा कि आज गीता जयंती भी है आज ही के दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया कहा कि अधर्म के पथ पर चलने वाला कोई भी हो उसका संघार करना चाहिए। अर्थात सद् रक्षणाय असद निग्रहणाय एतत् कालीन ब्राह्मणों से कहा कि आप अपनी पहचान छिपाते हैं। इसलिए आप उपेक्षित हैं ।जबकि चाणक्य ने शिखा के अपमान को मृत्यु तुल्य माना है। ब्राह्मण का कर्तव्य है विद्या अध्ययन करना एवं कराना। एसआरके शिक्षा संस्थान के प्रणेता एवं कार्य क्रम के आयोजक पं अजय कुमार कोशिक के संबंध में कहा कि इनका कार्य ब्राह्मण धर्म अनुकूल है । बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना से पंडित मदन मोहन मालवीय जी महामना इसलिए कहलाए क्योंकि उन्होंने सर्व समाज को शिक्षित करने के लिए अच्छी बुरी बातें सहकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की ।पंडित मदन मोहन मालवीय जी का सपना था कि मेरे देश का हर वर्ग का बालक शिक्षित हो। शिक्षा दान से बड़ा कोई दान नहीं है ।समाज शिक्षित होगा तो देश उन्नति कर सकता है। उन्होंने कहा कि आज हर्ष का विषय यह भी है कि जिस महान व्यक्तित द्वारा विश्व विख्यात काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की गई मालवीय जी व भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के जन्मदिवस तथा मोक्षदा एकादशी के पावन दिवस पर एसआरके शिक्षा संस्थान के नवीन भवन का शिलान्यास किया जा रहा है उन्होंने कहा कि यह विद्यालय कहीं ना कहीं मालवीय जी के सपनों को साकार करेगा। उन्होंने समाज को शिक्षित करने पर जोर दिया। अशिक्षित व्यक्ति समाज मैं भटकता है। कार्य क्रम के विशिष्ट अतिथि पंडित अधीर कोशिक अध्यक्ष श्री अखंड परशुराम अखाड़ा एवं श्री ब्राह्मण सभा ने कहा कि यह विद्यालय दिन-प्रतिदिन प्रगति करेगा इस विद्यालय में पढ़ने वाले बालक अपने परिवार के साथ अपने गांव का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को एक ऐसे विद्यालय की आवश्यकता है जहां शिक्षा के साथ संस्कार भी दिए जा सके ।यह कार्य इस विद्यालय के द्वारा संभव हो सकेगा ।उन्होंने हिंदू समाज के हर वर्ग से अपने बच्चों को शिक्षित करने पर जोर दिया तथा बहुत कम शुल्क पर इस विद्यालय में शिक्षा दिलाएं जाने की बात कही। अधीर कोशिक जी ने विद्यालय को ₹111000 धनराशि देने की भी घोषणा की कार्यक्रम के ही विशिष्ट अतिथि भागवत प्रवक्ता पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कहा कि यह देवभूमि है क्योंकि यहां पर गंगा नदी का प्रवाह और महाभारत कालीन हस्तिनापुर समीप है ।इसलिए धार्मिक मान्यता से यहां पर शिक्षा का प्रचार और प्रसार होना अति आवश्यक है ।इसके लिए यह विद्यालय पूर्ण योगदान देगा । कार्यक्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि जी महाराज राष्ट्रीय अध्यक्ष हिंदू रक्षा सेना एवं संस्थापक श्री बालाजी धाम हरिद्वार ने कहा की समाज का उत्थान शिक्षा से है और शिक्षा तभी संभव है जहां पर शिक्षा रूपी मंदिर में सुयोग्य गुरुजनों के द्वारा अच्छी शिक्षा दी जाए । उन्होंने कहा कि यह विद्यालय मालवीय जी के आदर्श को अवश्य साकार करेगा। कार्य क्रम से पूर्व यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसके यजमान पंडित प्रमोद कुमार शर्मा व शोभा शर्मा रहे । यज्ञ विद्वान पुरोहित पंडित उमा शंकर झा द्वारा संपन्न कराया गया। मंचासीन अतिथियों पंडित जुगल किशोर तिवारी जी (आईपीएस), पंडित लक्ष्मी निवास मिश्र पुलिस अधीक्षक (नगर) बिजनौर, पंडित अधीर कौशिक, पंडित पवन कृष्ण शास्त्री और महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरि जी महाराज का अंग वस्त्र रुद्राक्ष माला से द्वारा तथा गंगा जली भेंट कर स्वागत किया गया ।विद्यालय के संरक्षक अजय कुमार शर्मा द्वारा मुख्य अतिथि को संबोधित अभिनन्दन पत्र का वाचन किया। अभिनंदन पत्र को नरेश कौशिक राम कोशिक , नमन कोशिक, कामेश्वर प्रसाद , योगेश शर्मा,संदीप कोशिक, प्रमोद शर्मा अशोक शर्मा ने मुख्य अतिथि को भेंट किया । कार्यक्रम में पं पातीराम शर्मा, डॉक्टर राम प्रसाद शर्मा, शयाम स्वरूप शर्मा एड संदीप कौशिक ,नरेश कौशिक ,सोम प्रकाश ,अर्जुन सैनी, डॉक्टर नंद कुमार पांडे ,बृजेश कौशिक ,जगत शर्मा ,विश्वेश शर्मा, डॉक्टर सत्येंद्र शर्मा ,अनिल शर्मा, लोकेश भारद्वाज ,अशोक शर्मा, नमन कौशिक ,राम कौशिक, कपिल चौधरी ,वीरेंद्र राजपूत, अजय शर्मा एडवोकेट ,अरुण कुमार विभाग अध्यक्ष सेवा भारती ,लक्ष्मी शर्मा ,अनिल शर्मा , रीता शर्मा ,शोभा शर्मा ,प्रीति कौशिक ,ममता कौशिक, मास्टर राम अवतार शर्मा ,डॉ विपिन शर्मा, दाताराम शर्मा ,सुशील कुमार ,चंद्रशेखर पाठक, ईश्वर सिंह,राम सिंह ,रामनारायण शर्मा ,शशिकांत शर्मा , शोभितचोकड़ायत , सतीश बाबू पाठक,कमलेश शास्त्री, दीपक कोशिक, अनिल मिश्रा,तरुण शर्मा, विकाश शर्मा, मनोज चतुर्वेदी जीतू शर्मा पवन राज शर्मा केशव पांडे आदि असंख्य विप्र बंधु उपस्थित रहे। विद्यालय के शिक्षक मोनू सिंह, मनोज कुमार ,आसिफ अली, विनोद कुमार, विवेक कुमार ,बरम सिंह,प्रभात कुमार ने व्यवस्था को बनाए रखा। बिजनौर जिले के असंख्य ब्राह्मण बन्धुओ ने भाग लेकर कार्य क्रम को भव्य रूप दिया। विद्यालय के प्रबन्धक अजय कुमार कौशिक ने आगन्तुकों का हृदय से आभार व्यक्त किया। कार्य क्रम का संचालन अजय कुमार कौशिक व लोकेश भारद्वाज ने संयुक्त रूप से किया।