संवाददाता- राजकुमार शर्मा /परिपाटी न्यूज़ मीडिया
हरिद्वार पीपीएन। मकर संक्रांति से पहले हरकी पैड़ी पर गंगा की धारा में जल बहुत कम हो गया है। भागीरथी बिंदु से जलस्तर नहीं बढ़ाया गया तो मकर संक्रांति पर श्रद्धालु हरकी पैड़ी और आसपास घाटों पर केवल दो फीट पानी में डुबकी नहीं लगा पाएंगे। यूपी में सिंचाई के लिए पानी की मांग कम होने से भीमगोड़ा बैराज से गंगनहर में छोड़े जाने वाले जल में कटौती कर दी है। इसका असर ब्रह्मकुंड और अन्य घाटों पर दिखाई दे रहा है। हरकी पैड़ी क्षेत्र के प्लेटफार्म के दूसरी तरफ गंगा के किनारे लगाई रेलिंग तक पानी नहीं आ रहा है।
श्रद्धालुओं के रेलिंग लांघकर गंगा में स्नान करने से बहने का खतरा बना रहेगा।हरकी पैड़ी, मालवीय घाट, नाईसोता, सुभाष घाट, कांगड़ा घाट और आसपास के घाटों तक भगीरथी बिंदु से गंगा की अविरल धारा पहुंचती है। जबकि गंगनहर में भीमगोड़ा बैराज से पानी छोड़ा जाता है। यह पानी गंगनहर से उत्तर प्रदेश के लिए सिंचाई के लिए जाता है। बैराज के वॉटर एकाउंट असिस्टेंट निर्भय शंकर भारद्वाज के मुताबिक यूपी से सिंचाई के पानी की डिमांड दो दिन पहले ही कम हो गई थी।दो दिन पहले तक गंगा में छह हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, जबकि अब चार हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। दिसंबर में मुख्य धारा में बैराज तक करीब तीस हजार क्यूसेक पानी आ रहा था। आजकल 17 हजार क्यूसेक है। मुख्य धारा का जल स्तर कम होने से भागीरथी बिंदु से हरकी पैड़ी और आसपास के घाटों पर जलस्तर में कमी आई है। हरकी पैड़ी और आसपास घाटों पर करीब दो फीट जल है। जबकि दो दिन पहले तक चार फीट के करीब था। गंगा का जलस्तर कम हुआ है। उसका असर हरकी पैड़ी पर भी दिख रहा है। जिला प्रशासन की ओर से हरकी पैड़ी और आसपास के घाटों पर ज्यादा जलस्तर बढ़ाने की कोई डिमांड नहीं आई है।
– अनिल कुमार निमेश, एसडीओ, यूपी सिंचाई विभाग
जिला प्रशासन की ओर से हरकी पैड़ी का जलस्तर बढ़ाने की डिमांड आने पर भीमगोड़ा बैराज से गंगा का पानी कम कर दिया जाएगा। इससे बैराज में जलस्तर बढ़ते ही भागीरथी बिंदु से हरकी पैड़ी तक जलस्तर बढ़ जाएगा।
– तेजपाल, कंट्रोल रूम प्रभारी बैराज
हरकी पैड़ी और आसपास घाटों पर जलस्तर कम होने की जानकारी मिलने पर यूपी सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारियों से बातचीत की गई है। अधिकारियों ने बैराज पर पानी रोककर हरकी पैड़ी का जलस्तर बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
– सी रविशंकर, जिलाधिकारी