रिपोर्ट- अमित सैनी/रायवाला
नैनीताल परिपाटी न्यूज। गलत खनन नीति के कारण उत्तराखंड में हजारों करोड़ के खनन घोटाले की जांच किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी या सीबीआई से कराने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी। गौलापार (हल्द्वानी) निवासी रविशंकर जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था तत्कालीन सरकार की गलत नीति के कारण राज्य के राजकोष को 1500 करोड़ से ज्यादा की हानि हुई है।
अक्तूबर 2021 में तत्कालीन धामी सरकार ने उत्तराखंड राज्य की खनन नीति में एक बड़ा परिवर्तन किया था। यह संशोधन 2022 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले किया गया था। आरटीआई से प्राप्त आंकड़ों से जानकारी सामने आई कि खनन नीति में हुए इस परिवर्तन के कारण उत्तराखंड राज्य के राजकोष को 1500 करोड़ से ज्यादा की चपत लगी। याचिकाकर्ता की ओर से इस घोटाले के दोषियों के विरुद्ध राज्य सरकार के नियंत्रण से मुक्त किसी जांच- एजेंसी सीबीआई से जांच की मांग की गई।