अपनी खुशबखती पे रुबा नाज़ है मुझको बहुत, एक हिन्दू हूँ, मगर हूँ मैं गुलामे फातेमा

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रिपोर्ट- एसपी तंवर/परिपाटी न्यूज़ मीडिया नजीबाबाद

जोगीरमपुरी नजीबाबाद(परिपाटी न्यूज़)। नजीबाबाद के जोगीरमपुरी में स्थित विश्व प्रसिद्ध दरगाहेँ आलिया नजफ ए हिन्द में मोहम्मदे मुस्तफा आख़री नबी की बेटी जनाबे फातेमा के जन्म दिवस पर एक महफिल का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता कमेटी के सह सचिव मौलाना क़सीम अब्बास ने की तथा निज़ामत डॉ शऊर आज़मी ने की, महफिल का आगाज़ तिलावते कलामे पाक से मौलाना आबिद मेहदी ने किया और महफिल को खिताब किया।

मौलाना हामिद हुसैन क़ुम्मी ने,नाते पाक शुएब नौगांनवी ने पढ़ा । महफिले मकासदे में हिंदुस्तान के मशहूर शायरों ने अपने अपने कलाम पढ़ के दाद ली, नायब हल्लोरी ने पढ़ा।सारी शर्ते है अधूरी तेरे बगैर, ए फातेमा तू दीन नहीं दीनयात है। कलीम असगर ने कहा -इस ज़मीं वालों को बस मेराज तक की है खबर, वरना है उससे भी ऊपर फातेमा बिन्ते रसूल, गुलशन बिजनौरी ने पढ़ा कलामे पाक की इस्मत भी चादर तान लेती है, नबी ज़ब ओड़ लेता है रिदाये फातेमा, आसिफ जलाल बिजनौरी ने पढ़ा, क़त्ल होते है मगर हम कम नहीं होते कभी, हम अज़ादारों को हासिल है सलामे फातेमा, शहंशाह बिजनौरी ने पढ़ा -वास्ता देकर इधर माँगा, उधर हासिल हुआ, किस कदर अल्लाह को प्यारा है नामे फातेमा, मीर सादिक़ ने पढ़ा -ऐ काश पूरी दिल की तमन्ना हो बस मेरी, बिन्ते नबी की क़ब्र पर साया हो इस बरस।

इसके लावा राक़ीम नौगांनवी, नशतर सिरसिवी महेद्र सिंह अश्क़, मोहसिन ज़ैदी,हैदर किरतपुरी, खुर्शीद असरी,फ़क़री मेरठी,उजैर हैदर, आदि के कलाम पर भी श्रोताओं खूब दाद दी और सराहा अंत में कनवीनर अबरार हुसैन मुंबई ने सभी शायरों और श्रोताओं का शुक्रिया अदा किया। महफिल में दरगाह अध्यक्ष इरम अली ज़ैदी, नियाज़ आब्दी, जावेद हुसैन, दारा भाई, मोहम्मद हैदर आदि अनेक लोग मौजूद रहे!

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