‘धर्म हेत साका जिनि कीआ, शीश दिआ पर सिरड न दिआ ‘

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श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में अध्यात्मिक सत्संग एवं कीर्तन समागम का आयोजन

रिपोर्ट-सतवेन्द्र सिंह गुजराल/परिपाटी न्यूज़ मीडिया नूरपुर

नूरपुर, बिजनौर (परिपाटी न्यूज़) गुरुद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा कमेटी बसेडा खुर्द के तत्वावधान में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में अध्यात्मिक सत्संग एवं कीर्तन समागम का आयोजन किया। पंथ के विद्वान कथा रागी बाबा गुरविंदर सिंह लखीमपुर वालों ने गुरु साहिब जी के प्यारे सिख भाई मती दास,भाई सती दास,भाई दिआला के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु साहिब जी को समर्पित रहकर सिखी को कमाते हुए शहादत दी।

गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने हिंदू धर्म की रक्षा करते हुए मानवधिकार के सच्चे रक्षक बनकर दिल्ली चांदनी चौक में अपना शीश कटवा कर शहादत दी। उन्होंने सभी को अपनी मर्जी से धर्म अपनाने का संदेश दिया। इसके उपरांत माता साहिब कौर जी कीर्तनीय जत्था ऊमरी कलां से पधारे गुरजीत सिंह तथा कथावाचक करनैल सिंह नानकमत्ता साहिब वालों ने मधुर गुरुवाणी शब्दों से संगत को निहाल किया। समागम के दौरान गुरुघर में सेवा लेने वाले सभी प्रमुख सेवादारों के अलावा सुरेंद्र सिंह फलौदिया, एसजीपीसी द्वारा कर्नाटक सिख समाज के अध्यक्ष ओंकार सिंह भाटिया,खालसा इंटर कालेज के अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह,वरिष्ठ पत्रकार सतनाम सिंह,गुणवंत सिंह राठौर, सतवेंद्र सिंह गुजराल,धामपुर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारीयों को सरोपा प्रदान किया गया।

हैंड ग्रंथी भाई गौतम सिंह ने सरबत के भले के लिए अरदास की। समागम के आयोजन में प्रधान करनजीत सिंह भाटिया, सेकेट्री सोरन सिंह बिन्नी, हरनाम सिंह, हरदयाल सिंह,इंजीनियर बिजेंद्र सिंह,बीबी अजीत कौर,बीबी ब्रजपाल कौर,बीबी जोगेंद्र कौर आदि का सराहनीय योगदान रहा। संचालन कमेटी के अध्यक्ष निरंजन सिंह ने किया। समागम जिले की अधिकांश सिंघ सभाओं की संगत ने भाग लिया। संगत को गुरु का अटूट लंगर छकाया गया। सम्पूर्ण लंगर की सेवा स्व धनपति कौर पत्नी स्व सरदार शमशेर सिंह भाटिया की याद में उनके पुत्रों द्वारा कराई गयी।

(संवाददाता-सतवेन्दर सिंह गुजराल)

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