एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया………

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जोगेंद्र तोमर पीलीभीत /परिपाटी न्यूज़ मीडिया

पीलीभीत पीपीएन। जनपद के विकासखंड बरखेड़ा की ग्राम पंचायतों में पहल ग्रामीण सेवा समिति सैदपुर पीलीभीत द्वारा कृषि विभाग उत्तर प्रदेश के सहयोग से नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना के अंतर्गत मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत विकास खंड बरखेड़ा के मॉडल गांव केशौपुर एवं पृथ्वीपुर में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि विश्वनाथ सहायक निदेशक मृदा परीक्षण मंडलीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला बरेली प्रमुख रूप से उपस्थित हुए| कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को विषय वस्तु विशेषज्ञ पीएल गंगवार पूर्व सहायक निदेशक मृदा परीक्षण एवं रविंद्र गंगवार, एडीओ,पीपी सिंह पूर्व एडीओ, कृषि रक्षा कृषि विभाग के द्वारा किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया पीएल गंगवार द्वारा किसानों को मृदा परीक्षण कराने की विधि एवं उससे होने वाले लाभ मृदा नमूने लेने की विधियां और उसकी उपयोगिता के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई उन्होंने बताया कि मृदा परीक्षण के बाद जो मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को दिए गए हैं उसमे दी गयी संस्तुति के अनुसार ही किसान भाइयों को खाद तथा उर्वरको का प्रयोग करना चाहिए।

पीपी सिंह के द्वारा आईपीएम विधि से बिना रसायनों के प्रयोग के भी रोग,कीट, व्याधियों की रोकथाम के विषय में किसानों को जागरूक किया गया उन्होंने ट्राई को कार्ड, ट्राइकोडरमा, विवेरिया बेसियाना, फेरों मेंन ट्रैप आदि के विषय में किसानों को जागरूक करते हुए बताया कि बिना खर्च में हम अपनी फसलों की सुरक्षा इन विधियों के माध्यम से कर सकते हैं इसके पश्चात रविंद्र गंगवार के द्वारा किसानों को गर्मी की जुताई, जैविक खाद, हरी खाद, गर्मी कंपोस्ट, जीवामृत, घन जीवामृत, के द्वारा प्राकृतिक एवं टिकाऊ खेती के विषय में किसानों को जानकारी दी गई मुख्य अतिथि विश्वनाथ द्वारा किसान भाइयों को कृषि विभाग की विभिन्न अनुदानित योजनाओं के विषय में जागरूक करते हुए जानकारी दी गयी तथा सभी किसानों से पराली न जलाने के लिए आग्रह किया और बताया कि आप लोगों के सहयोग से ही आपका जिला पराली प्रबंधन में पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर आया है इसलिए यह सम्मान को हमें बनाए रखना है और अपने खेतों में पराली का विशेष रूप से प्रबंधन करना है किसी भी हालत में हमें फसल अवशेषों को जलाना नहीं है उसके बदले हमें डी कंपोजर की मदद से उसकी देसी खाद बनाकर अपने खेत में जीवाश्म कार्बन की मात्रा को बढ़ाना है ताकि हमारी मिट्टी का स्वास्थ्य अच्छा रहे और हम अच्छी फसल उत्पादित कर सकें अंत में सभी किसान भाइयों को मृदा परीक्षण से संबंधित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को जागरूक किया एवं उन्होंने मृदा के पीएच मान, मृदा में जीवाश्म कार्बन की मात्रा तथा मृदा परीक्षण से होने वाले लाभ और मृदा स्वास्थ्य कार्ड में जांच करके दिए जाने वाले 12 पैरामीटरो के विषय में विस्तार से किसानों को जागरूक किया तथा किसानों से आग्रह किया कि वह अपने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार ही फसल में खाद तथा उर्वरकों का प्रयोग करें ताकि लागत कम कर किसान भाइयों की आय को दोगुना किया जा सके अंत में सभी किसानों को धन्यवाद देते हुए रवि की फसलों के लिए शुभकामनाएं दी कार्यक्रम का समापन संस्था के अध्यक्ष हरिशंकर मौर्य द्वारा सभी किसानों को धन्यवाद देकर के किया गया इस कार्यक्रम में दोनों गांव में 100 से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया ।

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