हरिओम तोमर
संभल (परिपाटी न्यूज़ )डॉक्टरौ ने परेशान होकर हयात नगर में एक बैठक का आयोजन किया उसमें सभी डॉक्टर्स ने अपनी-अपनी बात को रखा डॉक्टर ने कहा की कोरोना समय में एमबीबीएस अपने घरों पर टांग फैला कर सोते थे और जिन्हें झोलाछाप का नाम दिया गया है वह मरीज का इलाज करते थे और उन्हें दवाइयां देते थे शायद अगर झोलाछाप डॉक्टर नहीं होते तो कितने कोरोना काल में मर गए होते कोई डॉक्टर झोलाछाप नहीं होता वह भी पढ़े लिखे होते हैं और किसी के साथ खुद गलत नहीं करते अगर झोलाछाप डॉक्टर उनको कहा गया है और वह जगह-जगह

क्लीनिक खोलकर अगरगांव में दवाइयां नहीं दें तो रोजाना पता कितने मोतै होती क्योंकि ना ही पब्लिक के पास जो गरीब व्यक्ति हैं एमबीबीएस के लिए फीस होगी और ना वह अपना इलाज कर पाएंगे क्या एमबीबीएस डॉक्टर के पास जितने भी डॉक्टर कमम करते हैं क्या वह सभी एमबीबीएस होते हैं नहीं उनके पास भी तो हम जैसे ही डॉक्टर होते हैं जो उनके अस्पतालों में काम करते हैं उन्होंने कहा की उनके साथ बहुत अत्याचार हो रहा है अगर इस बात का समाधान नहीं किया गया तो सारे डॉक्टर सड़कों पर उतर आएंगे और हड़ताल पर बैठ जाएंगे या तो उच्च अधिकारी बताएं कि उन्हें कौन सी व्यवस्था चाहिए क्योंकि जिन्होंने आज तक एमबीबीएस डॉक्टर के यहां काम किया है वह और भी तो काम नहीं कर सकते उनका मान सम्मान तो डॉक्टरी ही करने में है और वह अपने सम्मान को बचाने की बात कर रहे हैं जगह-जगह छापेमारी हो रही है ऐसे वह कब तक अत्याचार सहते रहेंगे इस मौके पर डॉक्टर बालकिशन डॉ रऊफ साहब फैजान शाही डॉक्टर डॉक्टर चंद्रवीरसिंह डॉक्टर गुलाम मोहम्मद डॉक्टर अंसार वारसी राहुल कुमार मोहम्मद फारूक चंद्रसेन कमर अजहरी नितिन शिवकुमार अशफाक आलम रंजीत सिंह महेंद्र सिंह अनुराग सिंह और अन्य साथी भी बैठक में मौजूद रहे।