रिपोर्ट – ज्ञानी राम गुप्ता /परिपाटी न्यूज़ मीडिया, गाजियाबाद
संत शिव नटराजन स्वामी ने 40 हजार से अधिक मंदिरों का जीर्णोद्वार करायाः श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज
गाजियाबाद ( परिपाटी न्यूज)।
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में सावन मास में पूजा-करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड उमड रही है। देश भर से नामी हस्तियां ही नहीं सिद्ध संत भी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए आ रहे हैं। शुक्रवार को तमिलनाडु से सिद्ध तपस्वी संत शिव नटराजन स्वामी ने मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की व भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक किया। मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज व महंत मुकेशानंद गिरी महाराज वैद्य के साथ शिव नटराजन स्वामी को आचार्य तयौराज पांडे, आचार्य अमित शर्मा व आचार्य विकास पांडे ने विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कराई। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि शिव नटराजन स्वामी ने तमिलनाडु ही नहीं पूरे देश व विश्व में हिंदू सनातन धर्म व भारतीय वैदिक संस्कृति का परचम लहरा रखा है। उन्होंने अपना पूरा जीवन ही हिंदू सनातन धर्म के लिए समर्पित कर रखा है और हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए वे दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। तमिलनाडु में वे 40 हजार से अधिक मंदिरों का जीर्णोद्वार कर चुके हैं। तमिलनाडु में जब भी कोई हिंदू सनातन धर्म के खिलाफ बोलता है तो शिव नटराजन स्वामी व उनके लाखों अनुयायी विरोध कर हिंदू धर्म को कमजोर करनेके षडयंत्र को नाकाम करते हैं। ऐसे संत का मंदिर में आकर पूजा-अर्चना करना सभी गाजियाबाद वासियों के लिए गर्व की बात है। शिव नटराजन स्वामी ने कहा कि श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर की महिमा अपरंपार है। मंदिर में सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने पर भगवान दूधेश्वर प्रसन्न होकर अपने भक्तों का कल्याण करते हैं। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के साथ हिंदू सनातन धर्म का परचम पूरे विश्व में फहरा दिया है। दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में वे जिस प्रकार सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, समाज सेवा के कार्य कर रहे हैं,वे आज मिसाल बन चुके हैं। शिव नटराजन स्वामी ने कहा कि श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में आकर व पूजा-अर्चना करनेसे जो आनंद प्राप्त हुआ, उसका वर्णन नहीं किया जा सकता है। तमिलनाडु के सिद्ध तपस्वी संत शिव नटराजन स्वामी ने श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की।
संत शिव नटराजन स्वामी ने 40 हजार से अधिक मंदिरों का जीर्णोद्वार करायाः श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज
गाजियाबादः
सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में सावन मास में पूजा-करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड उमड रही है। देश भर से नामी हस्तियां ही नहीं सिद्ध संत भी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए आ रहे हैं। शुक्रवार को तमिलनाडु से सिद्ध तपस्वी संत शिव नटराजन स्वामी ने मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की व भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक किया। मंदिर के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज व महंत मुकेशानंद गिरी महाराज वैद्य के साथ शिव नटराजन स्वामी को आचार्य तयौराज पांडे, आचार्य अमित शर्मा व आचार्य विकास पांडे ने विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कराई। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि शिव नटराजन स्वामी ने तमिलनाडु ही नहीं पूरे देश व विश्व में हिंदू सनातन धर्म व भारतीय वैदिक संस्कृति का परचम लहरा रखा है। उन्होंने अपना पूरा जीवन ही हिंदू सनातन धर्म के लिए समर्पित कर रखा है और हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए वे दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। तमिलनाडु में वे 40 हजार से अधिक मंदिरों का जीर्णोद्वार कर चुके हैं। तमिलनाडु में जब भी कोई हिंदू सनातन धर्म के खिलाफ बोलता है तो शिव नटराजन स्वामी व उनके लाखों अनुयायी विरोध कर हिंदू धर्म को कमजोर करनेके षडयंत्र को नाकाम करते हैं। ऐसे संत का मंदिर में आकर पूजा-अर्चना करना सभी गाजियाबाद वासियों के लिए गर्व की बात है। शिव नटराजन स्वामी ने कहा कि श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर की महिमा अपरंपार है। मंदिर में सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने पर भगवान दूधेश्वर प्रसन्न होकर अपने भक्तों का कल्याण करते हैं। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर के साथ हिंदू सनातन धर्म का परचम पूरे विश्व में फहरा दिया है। दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में वे जिस प्रकार सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, समाज सेवा के कार्य कर रहे हैं,वे आज मिसाल बन चुके हैं। शिव नटराजन स्वामी ने कहा कि श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में आकर व पूजा-अर्चना करनेसे जो आनंद प्राप्त हुआ, उसका वर्णन नहीं किया जा सकता है।