रिपोर्ट मुनेश चन्द शर्मा
बिजनौर परिपाटी न्यूज चांदपुर की श्री विष्णु धाम मंदिर चंद्रलोक कालोनी में आज गुरु पूर्णिमा के सुअवसर पर चल रहा था श्री राम चरित मानस का अखण्ड पाठ जिसका आज समापन किया गया उसके बाद रविन्द्र संघर्षी महाराज ने सभी बताया कि। गुरु बिन भव निधि तरै ना कोई। जो बिरंची शंकर सम होई अर्थात, भले ही कोई ब्रह्मा और शंकर जी के समान क्यों न हो किन्तु बिना गुरु के भव सागर से पार नहीं कर सकता है। इसी लिए सनातन संस्कृति में। बदऊं गुरु पद कंज कृपा सिंधु नर रूप हरि महामोह तम पुंज जासु बचन रबि कर
निकर। मैं उन गुरु महाराज जी के चरणों की वंदना करता हूं जो कृपा के समुद्र हैं और नर रूप में श्री हरि ही है। उन्होंने भण्डारे का भी आयोजन किया जहां पर विशाल मेले की तरह बड़ी संख्या में लोगों को भोजन का भी प्रशाद ग्रहण कराया गया सभी भक्तों ने संघर्षी महाराज के चरण कमलों को स्पर्श किया तथा गुरु रूप संघर्षी महाराज को सभी भक्तों ने भोग लगाया साथ साथ भजन कीर्तन भी बराबर होता रहा सभी लोगों ने प्रशाद ग्रहण कर और गुरु संघर्षी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त कर अपने अपने स्थान को प्रस्थान किया।