संवाददाता- अखिलेश तोमर/परिपाटी न्यूज मीडिया
बिलसंडा पीपीएन। कोरोना काल में बेसिक शिक्षा विभाग में ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय कल्याणपुर ताल्लुके करेली के शिक्षामित्र विमलेश कुमार (50) की मतदान ड्यूटी के बाद हालत बिगड़ती गई। शाहजहांपुर और बरेली के अस्पतालों में उनका इलाज कराया गया, मगर 30 मई को शाहजहांपुर से बरेली ले जाते समय एंबुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था न होने की वजह से उनकी मौत हो गई।
बिलसंडा ब्लॉक के गांव सिधौरा खरगपुर के मजरा पतजिया निवासी विमलेश कुमार ने वर्ष 2006 में बेसिक शिक्षा विभाग में बतौर शिक्षामित्र ज्वाइनिंग ली। वर्ष 2015 में हाईकोर्ट के आदेश पर विमलेश शिक्षक पद पर समायोजित किए गए। उन्होंने दो साल तक शिक्षक की रूप में अपनी सेवाएं दी। इस बीच उन्होंने अपने बेटे-बेटी को लेकर कई ताने-बाने बुने, मगर वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजित शिक्षकों का समायोजन रद्द कर
दिया गया। इसके बाद विमलेश प्राथमिक विद्यालय कल्याणपुर ताल्लुके करेली में बतौर शिक्षामित्र अपनी सेवाएं देने लगे। विमलेश के पुत्र शिवम ने बताया कि उनके पिता विमलेश की मतदान में ड्यूटी लगाई गई थी। 25 अप्रैल को पीलीभीत मंडी पहुंचे और बीमारी का हवाला देते हुए ड्यूटी कटवाने के एक प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन किसी ने नहीं सुनी और मरौरी ब्लॉक के गांव कुआडांडी चुनावी ड्यूटी को भेज दिया गया। चुनाव संपन्न कराने के बाद 27 अप्रैल को घर वापसी के दौरान रास्ते में उनकी तबीयत खराब हो गई। इस दौरान उन्होंने एक प्राइवेट डॉक्टर से दवा ली। 30 अप्रैल को हालत बिगड़ने पर बरेली के एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया। जहां से अगले दिन एक मई को उन्हें भोजीपुरा अस्पताल भेजा गया। जहां तीन तक इलाज करने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। शिवम ने बताया कि सात अप्रैल को पिता की तबीयत बिगड़ने लगी तो उन्होंने शाहजहांपुर ले जाया गया। यहां भी 10 मई तक इलाज चला। इसके बाद पिता घर आ गए। उसके बाद तबीयत में सुधार होता रहा। 29 मई अचानक पिता की तबीयत फिर से बिगड़ने लगी तो उन्हें रात मे ही शाहजहांपुर उसी अस्पताल में ले जाया गया जहां उनका पहले इलाज हुआ था। अगले ही दिन उन्हें बरेली रेफर कर दिया गया। 30 मई को पिता को शाहजहांपुर से बरेली लेकर जा रहे थे, रास्ते में एंबुलेंस में ऑक्सीजन न होने के कारण उनकी मौत हो गईकैसे चुकाऊंगा बैंक का छह लाख का कर्ज
शिक्षामित्र विमलेश के घर में उनकी पत्नी सुधारानी (48), पुत्र सत्यम (34), पुत्री अलका (32) और पुत्र शिवम (30) है। सत्यम और अलका विवाहित है। शिक्षामित्र के पुत्र शिवम ने बताया कि पिता जब सरकारी शिक्षक बने थे तो लगा था कि सारी परेशानियां खत्म हो जाएगी, लेकिन समायोजन रद्द कर दिया। पिता ने भूमि विकास बैंक से 2.40 लाख का लोन लिया था जो अब छह लाख हो चुका है। चिंता इस बात है कि अब पिता जी भी नहीं रहे, बैंक का कर्ज कैसे चुकाऊंगा।