रिपोर्ट- विक्की जोशी
बिजनौर, परीपाटी न्यूज। जिले में किसानों ने अपने ट्रैक्टरों के साथ एक विशाल जाम लगाया, जिससे सड़कें बाधित हो गईं और यातायात प्रभावित हुआ। यह आंदोलन किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर था, जिसमें किसानों की समस्याओं तथा निजी स्कूलों में फीस, कोर्स और ड्रेस के नाम पर परेशान कर रहे है। अभिभावकों की आवाज बनते हुए भाकियू अराजनीतिक चौधरी दिगंबर सिंह ने ऐतिहासिक प्रदर्शन कर कलेक्ट्रेट में डेरा डाल दिया। फसलों की उचित कीमत, कर्ज माफी और कृषि नीतियों में सुधार शामिल हैं। जनता के मुद्दों को लेकर अन्नदाताओं का हुजूम सड़कों पर उतरा। लोगों की जहां तक निगाह गई वहां तक ट्रैक्टर और किसान ही दिखाई दिए। गांव-गांव से आए किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ शहर के मुख्य चौराहों पर इकट्ठा होकर अपनी आवाज उठाई। यहां से ट्रैक्टर, अन्य वाहन और पैदल ही प्रदेश अध्यक्ष युवा विंग चौधरी दिगंबर सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट के लिए चल दिए। इस दौरान रास्ते में कई स्थानों पर फूल मालाओं और जलपान से किसानों का स्वागत किया गया। किसान नेता ने बताया, हम अपनी मांगों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी समस्याओं को समझेगी और उचित कदम उठाएगी। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक के पदाधिकारी हजारों की संख्या में सुबह से ही शहर के नगीना मार्ग स्थित गढ़ी चौराहा के पास एकत्र होना शुरू हो गए। इस मौके पर दिगंबर सिंह ने कहा कि किसानों की तो समस्याएं है ही, आम जनता भी कई मुद्दों को लेकर त्रस्त है। गन्ना मूल्य वृद्धि, गुलदार मुक्ति, आवारा गोवंश से निजात, कोरोना काल में फीस वापसी, चकबंदी में भ्रष्टाचार को रोकने, बिजली के जर्जर तारों को
बदलवाने, छोईया और मालन नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने आदि मुद्दों को लेकर भाकियू अराजनैतिक सड़कों पर उतरी है। निजी स्कूलों में फीस, ड्रेस और कोर्स के नाम पर अभिभावकों के साथ लुटाई की जा रही है। गुलदार ग्रामीण तथा आम लोगों को भी अपना शिकार बना रहे हैं। इस गंभीर समस्या की ओर से जिला प्रशासन मुंह फेरे हुए हैं। जाम की वजह से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई लोग समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रयास किए, लेकिन ट्रैक्टरों की संख्या इतनी अधिक थी कि उन्हें
हटाना मुश्किल हो गया ।किसानों ने कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आगे भी इस तरह के प्रदर्शन जारी रखेंगे। सरकार ने इस मामले पर ध्यान देने का आश्वासन दिया है और अधिकारियों को किसानों के साथ बातचीत करने के लिए भेजा गया है। इस आंदोलन ने स्थानीय प्रशासन को भी चुनौती दी है, क्योंकि उन्हें
इस स्थिति का समाधान निकालना होगा ताकि यातायात व्यवस्था सामान्य हो सके और किसानों की समस्याओं का समाधान भी किया जा सके। प्रदर्शन करने वालों में जिलाध्यक्ष नितिन सिरोही, अंकित निर्वाल, शिवम चौधरी, मंडल महासचिव गौरव कुमार जंघाला, ध्यान सिंह, हरपाल सिंह, विनीत मौर्य, प्राशु, कपिल कुमार, दीपक, सिवान्त, शुभम, पुष्पेंद्र, हर्षित, आकाश, दीपू, हिमांशु, कार्तिक, निशांत, राहुल ,भूपेंद्र, अमित, आदि मौजूद रहे।