(मुनेश चन्द शर्मा द्वारा लिखित लेख)
आज फिर आपको याद दिलाना चाहता हूँ कि कैसा है हमारा भारत देश। भारत देश वह देश है जहां पर पेड़ पौधे पहाड़ इत्यादि अर्थात कण कण को पावन और पवित्र जान कर सभी को दिल से पूजा जाता है। फिर आप समझ सकते हैं कि यहां के लोग कितने पावन है। जो हर वस्तु में ईश्वरीय शक्ति को लेकर कोई भी व्यक्ति अपने देश पर गर्व करते हुए ईश्वर को समर्पित रहता है। युगों युगों से श्रृंखला बद्ध तरीके से यही क्रम चला आ रहा है। और देखिए कैसी कैसी परिस्थितियों से मुकाबला करना पड़ा। कुछ दैत्यों ने महा पुरुषो और ईश्वरीय शक्ति तथा वरदान प्राप्त पुरषों को कितनी बार मिटाना चाहा। वही श्रृंखला आज़ भी बराबर चलती जा रही है। सनातन पथ पर अग्रसर होता देख वही लोग आज फिर ईश्वरीय शक्ति का अस्तित्व मिटा देना चाहते हैं तथा भारतीय मानव धर्म ग्रन्थों को असत्यापित कर देना चाहते हैं जबकि ईश्वर का कथन है कि होगा वही जो राम रची राखा करहु सु तर्क बढावहि शाखा ।यह भारतीय धर्म ग्रन्थों में दर्शाया गया है जिसका प्रयोग हम बता चुके हैं कि यह श्रृंखला युगों युगों से चलीं आ रही है परन्तु इसे कोई मिटा नहीं पाया और न ही कोई कभी ऐसा कर सकता है। क्योंकि गीताश्री में भी लिखा है जब जब धर्म की हानी होती है भगवन स्वमं इस प्रथ्वी पर आकर सब का उद्धार करते हैं यह है हमारा भारत देश और इस देश वासियों कि परम्परा।
लेखक: मुनेश चन्द शर्मा